अदन में तू ने खुदावंद
पाक ब्याह का इंतजाम
रहमत से मुकर्रर किया ,
ताकि इन्सान को हो आराम
जैसी तू ने बरकत बख्शी ,
पहले मर्द और औरत पर
वैसा तू इन दोनों पर भी ,
अपनी बरकत नाज़िल कर
काना में तू ने दिखाई ,
अपनी कुदरत ओ जलाल
अब हाजिर हो ,
और इनको फज़ल से
कर मालामाल
उन्हें तू पाकीजा करके ,
एक को दूसरे से मिला
अपनी रहमत से तू इन पर ,
दौलत फज़ल की बरसा
उमर भर तू इनके साथ हो ,
इनकी नित हिदायत कर
साथों साथ ये दुःख ओ सुख में
चलें तेरी राहों पर
इनकी सफर जब तमाम हो
इन्हें बख्श अबदी मीरास
पाक ब्याह का इंतजाम
रहमत से मुकर्रर किया ,
ताकि इन्सान को हो आराम
जैसी तू ने बरकत बख्शी ,
पहले मर्द और औरत पर
वैसा तू इन दोनों पर भी ,
अपनी बरकत नाज़िल कर
काना में तू ने दिखाई ,
अपनी कुदरत ओ जलाल
अब हाजिर हो ,
और इनको फज़ल से
कर मालामाल
उन्हें तू पाकीजा करके ,
एक को दूसरे से मिला
अपनी रहमत से तू इन पर ,
दौलत फज़ल की बरसा
उमर भर तू इनके साथ हो ,
इनकी नित हिदायत कर
साथों साथ ये दुःख ओ सुख में
चलें तेरी राहों पर
इनकी सफर जब तमाम हो
इन्हें बख्श अबदी मीरास
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