आज हमारे आँगन में खुशियों के

आज हमारे आँगन में खुशियों के 
फूल खिले हैं
जगमग दीप जले हैं , 
जगमग दीप जले हैं 

एक अजीब सा सितारा जो देखा 
ज्योतिषी घबराये 
उस तारे के पीछे चलकर  
बैथलेहम को आये 
देखा प्रभु को जब चरनी में -2
लब ये बोल उठे हैं 

आये फरिश्ते इस धरती पर 
शुभ सन्देश सुनाने 
दूर पहाड़ो के दामन में 
चरवाहों को बताने 
दर्शन किये प्रभु के सबने -2
तब दिल झूम उठे हैं 

आया बड़ा दी फिर जीवन में क्या 
यीशु को पाया 
वक्त गंवाया यूं ही गुनाह में 
फिर भी न पछताया 
जिसके दिल में जन्मा है यीशु -2
वो खुशियों से भरे हैं  

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