एक तारा चमका है

एक तारा चमका है कुछ नूर सा उतरा हर गली-गली रोशन बड़े दूर नजारा है 


फूल हँसे कलियाँ मुस्काई 
तारों की बारातें आई 
आ... आ...आ...

आँगन -आँगन सांझ सवेरा 
दूर हुआ है मन का अँधेरा 
आ... आ... आ...

प्यार की खुशबू फ़ैल गई है 
उसकी आमत कैसी भली है 
आ... आ... आ...

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