अब्बा पिता हे ,
प्रेमी परमेश्वर ,
दयालु तारणहारा ,
त्रिएक परमेश्वर
खोए हुए थे ,भटके हुए थे ,
ढूँढ़ने हमे आया ,
गले लगाया चूमा है हमको ,
शरण में ले आया
हम तो दलित थे ,हम तो पतित थे ,
डाली नजर ओ नाथ ,
ढाँढ़स बढ़ाया आँसू को पोंछा ,
थामा हमारा हाथ
दल-दल की कींच में हम तो पड़े हुए थे ,
तूने निकाला हमें ,
कलवरी खून से हमें खरीदा ,
अपना बनाया हमें
हर-दम हमारे साथ रहकर ,
हमें संभालता है ,
अटल प्रभु जो अनंत प्रेमी ,
महिमा के योग्य है तू
प्रेमी परमेश्वर ,
दयालु तारणहारा ,
त्रिएक परमेश्वर
खोए हुए थे ,भटके हुए थे ,
ढूँढ़ने हमे आया ,
गले लगाया चूमा है हमको ,
शरण में ले आया
हम तो दलित थे ,हम तो पतित थे ,
डाली नजर ओ नाथ ,
ढाँढ़स बढ़ाया आँसू को पोंछा ,
थामा हमारा हाथ
दल-दल की कींच में हम तो पड़े हुए थे ,
तूने निकाला हमें ,
कलवरी खून से हमें खरीदा ,
अपना बनाया हमें
हर-दम हमारे साथ रहकर ,
हमें संभालता है ,
अटल प्रभु जो अनंत प्रेमी ,
महिमा के योग्य है तू
0 टिप्पणियाँ