आ गया हूँ मैं खुदावन्द

आ गया हूँ मैं खुदावन्द 
सुन ले मेरी ये दुआ 
धो लहू से भर दे रूह से ,
पाक मुझ को और बना 

सृजनहार है तू परवरदिगार है तू 
शाहों का शहंशाह 
सब का है सब कुछ तू 
आसमां के तले और न कोई मिले 
सारी दुनिया को ले जो बचा 

कैसी मुहब्बत , तू ने जो की है 
पदवी फर जिंदगी की मुझको दी है 
फजल अब ऐसा कर नज़र हो तुझ पर 
नुकसान हो या हो नफा 

दुश्मन शैतान है , करता हैरान है 
लेकिन फज़ल तेरा , मेरा सहबान है 
जलते तीर उसके 
बारिश की मानिन्द बरसे 
कर सके न मुझे तुझ से जुदा

दुःख बीमारी मैंने ,
मुश्किल भी सारी मैंने 
लादी है तुझी पर आजाद हुआ 
आज तू मुझ को ले 
जो कुछ भी क्यों न हो 
रहूँगा मैं तेरा शुक्रगुज़ार

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