आओ ,आओ ,यीशु के पास आओ

आओ ,आओ ,यीशु के पास आओ ; 
वही बुलाता अभी ,
थके और मांदे ,जो बोझ से दबे हों ,
मुक्तिदाता यीशु के पास आओ।

यीशु की पुकार को सुनके ,
ध्यान क्यों देते नहीं ?   
जग में कितनी मुसीबत उठाते 
मेहनत करते चैन नहीं पाते।

अब भी जगह है ,भाई पुकारते ;
मौका मिलता नहीं ,
दिन है भाइयो गुजरा जाता ;
दुनिया पर अँधेरा छाता।

यीशु मसीह ने तुम्हारे लिए ;
अपनी जान दे दी ,
क्रूस पर चढ़कर ,
खून बहाया ,
ताकि हो कफारा हमारा।

यीशु मसीह के 
नाम के सिवाय ,
मुक्ति मिलती नहीं ,
उस ही में पापों से रिहाई ,
वहीं देता ख़ुशी भाई।

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