आत्मा प्रभु का प्रेमी
आत्मा प्रभु का
अभी तू आजा हमारे बीच में
अपनी आशीष उंडेल
दलदल के बीच में से ,
दया से निकाला मुझे
पाप हटाकर साफ़ कर दे ,
अपनी सामर्थ से
जीवन दिया तूने ,
जीवन दिलाऊँ मैं भी
जीवन जल की नदियाँ मुझ से ,
बहने पाये जग में
आत्मा के वरदानों से ,
तृप्त कर दे मुझे
जाग उठूँ मैं जलने पाऊँ ,
ज्योति चमका मुझमें
प्रभु के सीने पे मैं ,
सिर रखके आराम पाऊँ
प्यासा मैं हूँ तेरे लिए ,
प्यास बुझा मेरी अब मुझमें
आत्मा प्रभु का
अभी तू आजा हमारे बीच में
अपनी आशीष उंडेल
दलदल के बीच में से ,
दया से निकाला मुझे
पाप हटाकर साफ़ कर दे ,
अपनी सामर्थ से
जीवन दिया तूने ,
जीवन दिलाऊँ मैं भी
जीवन जल की नदियाँ मुझ से ,
बहने पाये जग में
आत्मा के वरदानों से ,
तृप्त कर दे मुझे
जाग उठूँ मैं जलने पाऊँ ,
ज्योति चमका मुझमें
प्रभु के सीने पे मैं ,
सिर रखके आराम पाऊँ
प्यासा मैं हूँ तेरे लिए ,
प्यास बुझा मेरी अब मुझमें
0 टिप्पणियाँ