आत्मा से भरता दिल

आत्मा से भरता दिल ,
आशा से आत्मा भी 
पाँव उठते खुशी से ,
जब मैं याद करता हूँ 
सिय्योन के निवास 

आँसू नहीं रोना नहीं ;
न कोई दर्द और रोग वहाँ
पोंछेगा वो आँसू मेरे ,
गरचे मैं हूँ यहाँ दुःख से भरा 

चेहरा देखूँ बाप का सदा उसकी 
हुजूरी से न होऊं जुदा 
करूँ हमेशा सेवा उसकी ,
मैं हूँ मुबारक हुजूरी में उसकी 

गाऊँगा गीत एक नया ,
बरबत की मीठी आवाज के समान
गूँजेगा शोर सारे आसमान ,बहुत जल की 
आवाज और गरज के समान 

बाप ख़ुदा का और बर्रे का नाम 
मेरे माथे पर लिखा होगा 
बर्रे के पीछे मैं चलूँगा जहाँ कही वो 
मुझको ले जाएगा 

बदले उसके दे दूँ मैं क्या दुनिया और 
कामों से मोल है लिया 
कजल का रहूँ शुक्र गुजार ,
उसकी आमद का करूँ इन्तजार 

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