उसने कहा मैं प्यासों पर

उसने कहा मैं प्यासों पर 
जल बरसाऊँगा ,
तेरी मरूभूमि को लहलहाऊँगा ,
बारिश उंडेल छाये बहार ,
मैं प्यासा खड़ा हूँ तेरे द्वार 

प्राणियों पर बारिश को उंडेल ,
जन जन में जागृति की बारिश को 
उंडेल 

पुरनियों जवानों पर बारिश को उंडेल ,
सपनों और दर्शनों की बारिश को 
उंडेल 

धारा के किनारे के पेड़ के समान 
धर्मियों को हर समय में फल लाना हैं 

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