ऊपर आसमान में अनन्त वास में

ऊपर आसमान में अनन्त वास में 
ले जाने आएगा मेरा प्रियतम 

परदेशी हूँ यहाँ जाना मुझको वहाँ
सुन्दर है घर मेरा जिसकी तुलना कहाँ 

दुःख और मुसीबतें आती जब सामने 
यीशु का अनोखा प्यार 
बनता है मेरी ढाल

नफरत और ठोकरें मिलती 
इस दुनिया में 
न बदलने वाला प्यार 
यीशु का है अपार 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ