आनन्द है परमानन्द है

आनन्द है परमानन्द है 
मेरे यीशु की संगति में हरदम
सुख और शांति का अनुपम मिलन
जैसे साजों में बजते है सरगम 
दुःख से भरी इस दुनिया में वो 
देता सुख से भरा एक जीवन 

जीवन मेरा कुछ देखे बिना 
आगे बढ़ता विश्वास का कदम धर
देता मुझे दिव्य भण्डार से 
नहीं होगी कमी मुझे जीवन भर 
विश्वास करो जब संभवन हो 
तब विश्वास से होगा संभव

कौन संभालेगा ,कौन आसरा देगा 
इसका नहीं है अब मुझे डर
उठ न सकूं ,जब मैं लाचार होकर 
तकीया करूंगा मैं यीशु पर  
अपने छिदे हाथों को वह बढ़ाकर 
चंगा करेगा छू कर

छोड़ेगा क्या वह यीशु को कभी 
जिसने महिमा मसीहियत की देखी
मिट जाएगी दौलत इस दुनिया की 
इस पर दिल ना लगाओ तुम जरा भी 
यीशु संग तुम नित्य बढ़ते रहोगे 
तो आनन्द अनन्त मिलेगा 

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